मगहर में एक श्रापित नदी थी जिसमें जल नहीं था कबीर परमात्मा ने हाथ से इशारा करके आमी नदी को जल से पुनः भर दिया।
कबीर परमात्मा मगहर से ही सशरीर अपने निजधाम सतलोक को गए थे।
परमात्मा के सतलोक जाने के बाद हिंदू तथा मुस्लिम धर्म के अनुयायियों ने इसकी याद में वहां पर मस्जिद व मंदिर स्थापित किया है। जिसके माध्यम से संदेश जाता है कि राम और अल्लाह एक ही है।
नकली धर्मगुरुओं के द्वारा भ्रम फैलाया गया था कि मगहर में मरने वाला गधा बनता है तथा काशी में मरने वाला स्वर्ग प्राप्त करता है। कबीर परमात्मा ने इस भ्रांति तोड़ने के लिए मगहर से सशरीर अपने निजधाम सतलोक को गए थे तथा उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प मिले थे।
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