शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

कबीर साहिब

      कबीर  साहिब



                     जैसा कि दोस्तो आप जानते हो कि भारत मे अभी कुम्भ मेले का पर्व चल रहा है। जिसमे लाखो हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओ ने कुंभ में डुबकी लगाई व समझ लिया कि हमने अपने पापो से मुक्ति पा ली लेकिन क्या इसका कहीं पर हमारे शास्त्रों में प्रमाण है। लेकिन हमने कभी इसके बारे में विचार नही किया कि जो हम भक्ति कर रहे हैं उसका कही प्रमाण है या फिर हम देखा देखी की भक्ति कर रहे हैं। इसके साथ-साथ मन में एक सवाल भी उठता है कि आखिर ऐसा करने से परमात्मा/रब/खुदा/भगवान को प्राप्त किया जा सकता है ? उसका वास्तविक नाम क्या है ? क्या एक मात्र कुम्भ स्नान या मंदिर में जाकर पूजा करने से ही परमात्मा को पाया जा सकता है। या फिर परमात्मा को पाने की कोई और विधि है। जिसके द्वारा परमात्मा को पाया जा सकता है। इन सब के बारे में हमारे शास्त्रों में कोई प्रमाण है या नही। लेकिन किसी भी वस्तु तक पहुचने के लिए हमे किसी माध्यम की जरूरत होती है। जिस प्रकार शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। ठीक उसी प्रकार परमात्मा को प्राप्त करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है।


ज्ञान गंगा पुस्तक

                          लेकिन वर्तमान में पूर्ण संत की पहचान करना भक्त समाज के लिए मुश्किल कार्य साबित हो रहा है। क्योंकि वर्तमान समय में हिन्दू धर्म में अनेक पंथ चले हुए हैं। इसके साथ ही गुरुओ की संख्या भी काफी अधिक है। पूर्ण गुरु की पहचान करना व सही साधना मंत्र प्राप्त करना जिनका जाप मीरा बाई, नानक जी, दादू जी व अन्य महापुरुषों ने किया है। ऐसे में भगत समाज को चाहिए कि वह अपने धर्म के पवित्र शास्त्रों के अनुसार भक्ति बताने वाले संत से नाम दीक्षा प्राप्त करें।

                        वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ने सभी धर्म के पवित्र शास्त्रों में प्रमाणित किया है कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है।

                       अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें अंधभक्ति खतरा ए जानज्ञान गंगा पुस्तके व स्वयं निर्णय करें।

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