बुधवार, 8 जुलाई 2020

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है

दोस्तों आज हम आपको नाग पंचमी के बारे में बताएंगे।
  • आखिर नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है?
  • इसके पीछे का क्या कारण है?
  • क्या नाग पंचमी का त्योहार हमें मनाना चाहिए?

नागपंचमी मनाने हेतु एक मत यह भी है कि अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने तपस्या में लीन मैन ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया था। इस पर ऋषि के शिष्य श्रृंगी ऋषि ने क्रोधित होकर शाप दिया कि यही सर्प सात दिनों के पश्चात तुम्हें जीवित होकर डस लेगा। ठीक सात दिनों के पश्चात उसी तक्षक सर्प ने जीवित होकर राजा को डसा।
 

तब क्रोधित होकर राजा परीक्षित के बेटे जन्मजय ने विशाल 'सर्प यज्ञ' किया जिसमें सर्पो की आहुतियां दी। इस यज्ञ को रुकवाने हेतु महर्षि आस्तिक आगे आए। उनका आगे आने का कारण यह था कि महर्षि आस्तिक के पिता आर्य और माता नागवंशी थी। इसी नाते से वे यज्ञ होते देख न देख सके। सर्प यज्ञ रुकवाने, लड़ाई को खत्म करके पुनः अच्छे सबंधों को बनाने हेतु आर्यों ने स्मृति स्वरूप अपने त्योहारों में 'सर्प पूजा' को एक त्यौहार के रूप में मनाने की शुरुआत की। नागवंश से ताल्लुक रखने पर उसे नागपंचमी कहा जाने लगा होगा।

नाग पंचमी का त्योहार मनाना हमारे शास्त्रों के विरुद्ध है और शास्त्रों के विरुद्ध की गई साधना से हमें कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है तो नाग पंचमी का त्यौहार मनाने से भी हमें कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा।

अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे साधना Tv 7:30 PM से
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