बुधवार, 24 जून 2020

हमारा रक्षक परमात्मा कौन है (Who is Our Savior Divine)

हमारा रक्षक परमात्मा कौन है?

नमस्कार दोस्तो


  • कभी ना कभी आपके मन में यह ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर वह कौन है जो हर समय हमारी रक्षा करता है?
  • कौन है वह जो हमारी रक्षा करने के लिए हर समय तत्पर रहता है?
  • आखिर इतनी सर्दी गर्मी में भी पशु पक्षियों व आदि जीवो की रक्षा कौन करता है?
  • आखिर कौन है वह परमात्मा जो असमय होने वाली वर्षा, तूफान आदि से हमें बचाता है?

इन सभी प्रश्नों को जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ इस ब्लॉग को आखिर तक पूरा पढ़ें।

जब भी मनुष्य पर संकट आता तो उसकी आत्मा से एक ही पुकार निकलती है कि हे परमात्मा मुझे इस संकट से बचाओ। वह परमात्मा से सहायता प्राप्त करने के लिए जिस भी धर्म को मानता है उसमें प्रचलित साधना को करने लगता है। लेकिन उसको कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है। आज आपको इसका कारण प्रमाण सहित बताया जाएगा कि आखिर 

  • क्यों हमारी परमात्मा रक्षा नहीं कर पाता है?
  • क्या हमारे द्वारा की जाने वाली भक्ति विधि गलत है या फिर इसका और ही कोई दूसरा कारण है?

आपको जानकर हैरानी होगी कि हम सब का रक्षक परमात्मा कबीर परमेश्वर है वही हम सब की रक्षा करता है और वही पूजा के योग्य है ऐसा हमारे पवित्र शास्त्रों में लिखा हुआ है।

रक्षक का अर्थ होता है अपने भगत पर किसी भी प्रकार के आने वाले दुख का निवारण करने वाला ऐसा कबीर परमेश्वर ने करके दिखाया तो अब आपको ऐसे ही कुछ प्रमाण दिखाते है।

कबीर परमेश्वर जी ने अपने भगत सम्मन के पुत्र सेउ का कटा हुआ सिर फिर से धड़ पर लगा दिया था और उसे जीवित किया था।


कबीर परमेश्वर जी ने रानी इंद्रमति के पति को 6 महीने का जीवन दान दिया था तथा सत भक्ति करवाकर सतलोक लेकर गए थे।


जिस प्रकार भारत का संविधान तोड़ने वाले को सजा दी जाती है उसी प्रकार परमात्मा का भी एक संविधान है जिसके अंतर्गत चोरी, डकैती, रिश्वतखोरी व अन्य किसी भी प्रकार का अपराध करने पर परमात्मा के संविधान के अनुसार उसे सजा दी जाती है। जिसका जीता जागता उदाहरण आज की दुनिया देख रही है कहीं पर टिड्डियों ने अपना आतंक मचा रखा है तो कहीं कोरोना वायरस विकराल रूप धारण किए हुए हैं।


हम सब का रक्षक कबीर परमेश्वर है ऐसा हम नही कह रहे बल्कि ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में लिखा हुआ है। परमात्मा अपने भक्तों के सभी पाप कर्मों को काट सकता है यदि भगत की मृत्यु भी हो गई हो तो उसे जीवन दान प्रदान कर सकता है।


कबीर परमेश्वर अपने भगत की आयु बढ़ा सकता है। ऐसा ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 व ऋग्वेद मंडल 09 सूक्त 80 मंत्र 2 में लिखा हुआ है।


पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब अपने भगत के किसी भी प्रकार के रोग हो काट सकता है। ऐसी ही लिला जब कबीर परमेश्वर त्रेता युग में मुनींद्र ऋषि के रूप में पृथ्वी पर आए हुए थे तो उन्होंने नल और नील के असाध्य रोग को ठीक किया था।


वर्तमान समय में कैंसर, एड्स और कोरोना वायरस जैसी भयंकर बीमारियां फैली हुई है जिसका डॉक्टरों के पास कोई इलाज नहीं है। लेकिन हमारे पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32 में प्रमाण है कि परमात्मा हमारे पाप कर्म को काट सकता है और यह बीमारियां मनुष्य के पाप कर्म के कारण ही होती है।


पवित्र यजुर्वेद के अध्याय 8 मंत्र नंबर 13 में प्रमाण है कि कबीर परमेश्वर हमारे सभी पाप कर्मों को काट सकता है। और हमें सुखी कर सकता है।


ऊपर दिए कि सभी प्रमाणों को देखकर आपको यकीन हो गया होगा कि कबीर परमेश्वर ही पूर्ण परमात्मा है लेकिन वर्तमान समय में बहुत सारे कबीर पंथ बने हुए है। इनमे से असली और नकली का कैसे पता करें यह आपके मन में जरूर प्रश्न आता होगा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि संत रामपाल जी महाराज ने सभी शास्त्रों में कबीर जी को भगवान बताया है जबकि अन्य सभी तो उनको संत मानते हैं इसलिए वे सभी नकली है और संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत है इनके द्वारा बताई गयी। भक्ति साधना करने से ही आपको परमेश्वर का यथार्थ लाभ प्राप्त होगा।

अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे साधना Tv 7:30 PM से
आप हमारी वेबसाइट पर भी Visit कर सकते है।

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